अगर आपकी गाड़ी, बाइक या अन्य वाहन की तीन किस्तें (EMI) नहीं भरी गई हैं, तो बैंक या प्राइवेट फाइनेंस कंपनी वाहन की रिकवरी (जब्ती) कर सकती है। लेकिन इसके लिए कुछ कानूनी प्रक्रियाएं होती हैं जिन्हें उन्हें पालन करना होता है।
बैंक या फाइनेंस कंपनी कब वाहन ले जा सकती है?
नोटिस देना जरूरी है:
बैंक या फाइनेंस कंपनी को आपको लिखित में नोटिस देना होता है कि आपकी किस्तें बकाया हैं और वाहन को जब्त किया जा सकता है।
समय दिया जाता है:
आमतौर पर 60 दिनों तक भुगतान करने का मौका दिया जाता है।
रिकवरी एजेंट का आना:
अगर आप भुगतान नहीं करते, तो कंपनी रिकवरी एजेंट भेज सकती है जो वाहन को ले जा सकते हैं — लेकिन बिना ज़ोर-जबरदस्ती के।
अगर जबरदस्ती की जाए तो क्या हो सकता है?
जबरन वाहन ले जाना, धमकी देना, या मारपीट करना गैरकानूनी है।
यदि ऐसा होता है, तो आप इन पर निम्न कार्रवाई कर सकते हैं:
स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज करें।
बैंकिंग ओम्बड्समैन या आरबीआई में शिकायत करें (अगर बैंक ने नियम तोड़े हैं)।
उपभोक्ता फोरम (Consumer Court) में भी केस किया जा सकता है।
आपके अधिकार:
आपको वाहन जब्त करने से पहले नोटिस मिलना चाहिए।
आपको भुगतान का मौका दिया जाना चाहिए।
रिकवरी एजेंट को सही भाषा और व्यवहार में बात करनी चाहिए।
जब्ती की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और दस्तावेजों के साथ होनी चाहिए।

Author: Navbharat Himachal Times
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