- अर्जुन की छाल और दालचीनी ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में लाभकारी होती है। नियमित रूप से इसका काढ़ा पीने से खून को पतला किया जा सकता है
, जिससे शरीर में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या होने का खतरा भी नहीं होता। शरीर में ब्लड का फ्लो बेहतर तरीके से काम करता है, जिससे हृदय की हेल्थ भी अच्छी होती है।
अर्जुन की छाल शरीर में सूजन कम करती है और जोड़ों के दर्द में भी आराम पहुंचाती है। हाई ब्लड प्रेशर में फायदेमंद- अर्जुन की छाल का उपयोग दिल को स्वस्थ रखने और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए भी किया जाता है। इसमें फाइटोकेमिकल्स खासतौर से टैनिन होता है, जो कार्डियोप्रोटेक्टिव असर दिखाता है।
#अर्जुन की छाल का काढ़ा पोषक तत्वों से भरपूर है. इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहते हैं. ये खून को पतला बनाने का काम करता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा दूर रहता है।
अर्जुन की छाल लिवर और किडनी की सेहत के लिए फायदेमंद मानी जाती है। अर्जुन की छाल में फ्लेवोनोइड्स, टैनिन्स, ट्राइटरपेनॉइड सैपोनिन, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइटोस्टेरॉल मौजूद होता है जो लिवर और किडनी को हेल्दी रखता है। अर्जुन की छाल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट लिवर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं।
अर्जुन के पेड़ की छाल को हृदय स्वास्थ्य का समर्थन करने और शरीर के कार्डियोवैस्कुलर फ़ंक्शन को बनाए रखने के लिए जाना जाता है। यह रक्तचाप (ब्लडप्रेशर)को नॉर्मल बनाए रखने में भी मदद करता है और दिल की विफलता के जोखिम को कम करता है। इसके अलावा, आयुर्वेद कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करके हृदय की रुकावट के लिए अर्जुन की छाल की सलाह देता है।
रोजाना दो से तीन ग्राम अर्जुन की सूखी छाल को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर सुबह खाली पेट पीने से बेहतर परिणाम देखे जा सकते हैं. अर्जुन की छाल में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं
गर्भवती स्तनपान कराने वाली महिला को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
स्वस्थ रहने के लिए भी आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक नहीं करना है। आप हफ्ते में 1-2 बार करीब एक दो महीने तक अर्जुन की छाल का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप किसी बीमारी को ठीक करने के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही करें।

Author: Nav Bharat Himachal Times



