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अघोरी साधु बनने की प्रक्रिया बहुत कठिन और तपस्या से भरी होती है…

अघोरी साधु बनने की प्रक्रिया बहुत कठिन और तपस्या से भरी होती है।

यह मार्ग अत्यधिक कठोर साधनाओं, त्याग, और आध्यात्मिक अनुशासन से भरा होता है। अघोर पंथ, शिव के भक्तों का एक रहस्यमयी संप्रदाय है, जिसमें तंत्र साधना, मोक्ष प्राप्ति, और सांसारिक मोह-माया से दूर रहने पर जोर दिया जाता है।

1. गुरु की शरण में जाना

अघोरी बनने के लिए सबसे पहले एक योग्य गुरु की शरण में जाना पड़ता है। यह गुरु अपने शिष्य को अघोर पंथ के रहस्य, साधनाएँ और सिद्धियाँ प्रदान करता है।

2. संसार का त्याग

अघोरी बनने के लिए व्यक्ति को अपने परिवार, समाज, और सांसारिक इच्छाओं को पूरी तरह त्यागना पड़ता है। वे श्मशान घाटों में रहते हैं और मृत्युभोज को भी एक आध्यात्मिक प्रक्रिया मानते हैं।

3. कठिन तपस्या और साधना

अघोरी साधु विभिन्न तंत्र-मंत्र और योग साधनाएँ करते हैं। इनकी साधना में ध्यान, जप, हवन, और कई गूढ़ तांत्रिक क्रियाएँ शामिल होती हैं।

4. शव साधना

अघोर पंथ में श्मशान साधना का विशेष महत्व होता है। अघोरी साधु श्मशान घाट में रहकर शव साधना करते हैं, जिससे वे भय, मृत्यु और आत्मा के रहस्यों को समझने की कोशिश करते हैं।

5. भिक्षा और खान-पान

अघोरी किसी सेखास तरह के भोजन और वस्त्रों का पालन नहीं करते। वे अक्सर भिक्षा मांगकर खाते हैं और कई बार वे साधना के लिए ऐसी चीजों का सेवन भी करते हैं जो आम लोगों के लिए वर्जित होती हैं।

6. शिव साधना और काली उपासना

अघोरी भगवान शिव और देवी काली की उपासना करते हैं। उनके लिए शिव ही संपूर्ण ब्रह्मांड हैं और वे उन्हीं में विलीन

होने की साधना करते हैं।

 

 

 

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